नई दिल्ली । रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 का रेल बजट पेश किया। इस बार उन्होंने न केवल रेल किराया बढ़ाया है और न मालभाड़े में कोई इजाफा किया है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना शुरू कर दी है। कांग्रेस के मुताबिक यह फेल बजट है और इसमें कुछ नया नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल बजट की जमकर तारीफ की है । उन्होंने कहा कि साफ़ सफाई , यात्री सुविधा, और तकनीकी विकास पिछले दो रेल बजट का मूल मन्त्र रहा है ।
We have been fairly successful over the past year, this #RailBudget2016 will improve it further-PM Modi pic.twitter.com/loCymUtuhM
— ANI (@ANI_news) February 25, 2016
Saaf safayi, yatri suvidha, technological upgradation pichle do rail budgets ka mool mantra raha hai-PM Modi
— ANI (@ANI_news) February 25, 2016
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रेल बजट को हल्का बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे के पास पैसा नहीं है। नई रेल लाइन व ट्रेनों के लिए पैसा नहीं है। इसके साथ ही नई घोषणाओं में नहीं बताया गया है कि वे ये कहां लगा रहे हैं।
नई ट्रेनों की बाबत उन्होंने कहा कि पहले के ट्रेनों का नाम बदल दिया गया है। पार्टी के पुराने मुखिया का नाम लेकर इसे बदला गया है। नया निवेश नहीं है। पारदर्शिता नहीं रखी गई है ताकि बाद में गड़बड़ किया जा सके।
पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि बायो वैक्यूम टॉयलेट के इस्तेमाल के अलावा इस रेल बजट में कुछ भी नया नहीं है। बंसल ने कहा कि लोकोमोटिव कारखानों का ऐलान उन्होंने तभी कर दिया था जब वो रेलवे मंत्री थे।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी रेल बजट पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि ये बहुत ही हल्का रेल बजट है जिसमें कुछ भी नया नहीं है। लालू यादव ने ये भी कहा कि रेलवे ही भारत की लाइफलाइन है और भाजपा के आने के बाद ये पटरी से उतर गई है। पूर्व रेल मंत्री ने ये भी कहा कि देश को बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए और इसपर विदेशियों की निगाह है।
पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी रेल बजट की आलोचना करते हुए कहा कि बजट कहां आया? उन्होंने कहा कि बजट में आने वाले लक्ष्य की घोषणा होती है। लेकिन इस रेल बजट में भ्रम का ऐलान है
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