9 फरवरी की शाम अफज़ल गुरू की याद में हुए प्रोग्राम के बाद प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सुर्खियों में है। देश में राष्ट्रीय समाचार चैनलों का एक गुट जेएनयू और वहां पर सक्रिय वामपंथी संगठनों पर हमलावर है। समाचार चैनलों के कुछ एंकर इस विश्वविद्यालय को खुलेतौर पर देशद्रोहियों का गढ़ कह रहे हैं। जेएनयूएसयू के मौजूदा प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद ऐसे चैनलों को अपने अजेंडा में कामयाबी भी मिल रही है।
हालांकि इसी दौरान सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ऐसे न्यूज़ चैनलों को एक्सपोज़ करने के अलावा एबीवीपी पर भी सनसनीखेज़ आरोप लगाए गए हैं। वायरल वीडियों में दावा किया गया है कि 9 फरवरी की रात जेएनयू कैंपस में वामपंथी छात्रों को फंसाने के मकसद से एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे।
'द कंस्प्रेसी' नाम से जारी इस वीडियो के मुताबिक 'जेएनयू के बारे में मीडिया जो दिखा रहा है, वह पूरी तरह से बायस्ड, अधूरा और सनसनीखेज है। वीडियो में जब पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे सुनाई दे रहे हैं, उस वक्त स्क्रीन पर एबीवीपी के कार्यकर्ता दिख रहे हैं। इसके बाद जब पीछे से पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारों की आवाज़ आ रही है तो वीडियो में दिख रहे एबीवीपी कार्यकर्ता जवाब में ज़िंदाबाद जिंदाबाद बोल रहे हैं।
वीडियो में मीडिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा गया है कि वह पूरा सच नहीं दिखा रहा है। दावा यह भी किया गया है कि यह एबीवीपी की साज़िश है ताकि गैर एबीवीपी छात्रों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जा सकें
Abvp की यह सोची समझी चाल है
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