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Saturday, May 23, 2015

भारत को नहीं मिल रहा विदेशी निवेश: चीनी अखबार


पेइचिंग 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा खत्म होने के दो दिन बाद चीन सरकार के मुखपत्र ने लिखा है कि भारत को शायद ही विदेशी निवेश मिल पाए। अखबार ने पावर डिप्लोमेसी को मोदी सरकार के एक साल की मुख्य उपलब्धि तो बताया है, मगर यह भी कहा है कि बावजूद इसके भारत में बहुत कम विदेशी निवेश आ रहा है।

चीन सरकार द्वारा चलाए जाने वाले अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने 'दुनिया नाप रहे मोदी के लिए बड़ी चिंता है इकॉनमी' टाइटल से एक ऑपिनियन लिखा है। इस लेख के मुताबिक, 'अगर कोई देश भारत में इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहन देता है, तो ज्यादातर कार्यक्रमों को सरकार खुद ही देखेगी। प्राइवेट बिज़नस सेक्टर तो 
अखबार ने लिखा है, 'भौगोलिक रूप से अच्छी जगह स्थित होने की वजह से भारत को अच्छा डिप्लोमैटिक वातावरण मिला है। नई दिल्ली भले ही इन्वेस्टर्स को यह समझाने की कोशिश करती रहती है कि भारत में बिजनस फायदेमंद है, मगर हकीकत यह है कि मौजूदा हालत इस बात के बिल्कुल उल्टे हैं।'

अखबार ने लिखा है, 'अक्सर वहां बिजली चली जाती है। न तो अच्छी सड़कें हैं और न ही अच्छी बंदरगाहें हैं। वक्त-वक्त पर मजदूर आंदोलन भी होते रहते हैं। इस तरह के खराब हालात के बावजूद वहां निवेश करना बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।'

आर्टिकल में लिखा है कि मोदी सरकार ने इन्वेस्टर्स के लिए स्पेशल इकनॉमिक जोन, फ्री टैक्स जोन और फ्री ट्रेड एरिया मुहैया कराने से जैसे कई कदम उठाए हैं, मगर राज्य सरकारों ने इनका विरोध किया है। अखबार कहता है कि भारत में राज्य सरकारें लोकल इकनॉमिक डिवेलपमेंट के लिए नीतियां अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत को अमेरिका जियोपॉलिटिकल रणनीति के तहत चीन से मुकाबला करने के लिए बढ़ावा दे रहा है, जबकि पेइचिंग अपने पड़ोसी मुल्कों से दोस्ताना रिश्ते रखना चाहता है। अखबार में लिखा है, 'मोदी को इस बात का अहसास है। इसीलिए ऑफिस संभालने के बाद उन्होंने सक्रिय रूप से अंतर्राष्ट्रीय तालमेल बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी थी।'

अखबार ने लिखा है, 'मगर भारत लंबे समय से स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम रहा है और किसी और बहकावे में आकर किसी की तरफ से लड़ने में उसकी कोई रुचि नहीं है। भारत ने बड़ी सावधानी से कदम उठाया है। जिस वक्त मोदी पुतिन से गले मिल रहे थे, उसी वक्त वॉशिंगटन से भी रिश्ते गहरे कर रहे थे।'


आभार : नव भारत टाइम्स

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