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Thursday, March 17, 2016

नो शराब इन बिहार, पकड़े जाने पर नशा टुट जाए

बिहार कैबिनेट ने पूर्ण शराब बंदी और शराबखोरी को लेकर अपने वायदे के अनुरूप काम करना शुरू कर दिया है. आज कैबिनेट में सार्वजनिक स्थल पर शराब पीने वालों के लिये कड़ी सजा के साथ पांच लाख रुपये जुर्माने का फैसला लिया गया है.  नये प्रावधान में अगले महीने यानी अप्रैल से सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने या बेचने वालों को दस साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ ही एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक जुर्माना भी देना होगा.  यह निर्णय बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. बताया गया है कि यह प्रावधान पुलिस पर भी लागू होगा. यदि कोई पुलिस किसी निर्दोष को शराब मामले में फंसाने में शामिल पाया गया तो उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा. पूर्व में इस तरह के प्रावधान नहीं थे.

सदन में लाया जायेगा विधेयक
जानकारी के मुताबिक यह विधेयक प्रावधान विधान मंडल के चालू सत्र में पारित कराया जायेगा. इसे राज्य सरकार एक अप्रैल से पूरे राज्य में लागू करेगी. बैठक में 28 एजेंडों का स्वीकृत किया गया. सूत्र ने बताया कि उच्च शिक्षा में प्रोन्नति और नियुक्ति के लिए गठित जस्टीस एनएम झा कमेटी के कार्यकाल को छह माह का विस्तार देने का निर्णय लिया गया है.  चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गयी है वहीं राज्य में स्प्रीट बनाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. महिला पोलिटेकनिक कॉलेजों में महिला होस्टल के लिए राशि स्वीकृत किया गया है.
कई अधिकारी हुये बरखास्त
कैबिनेट की बैठक में कई डॉक्टर, बिप्रसे के अधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी को बरखास्त करने का निर्णय लिया गया है. बरखास्त होने वालों में डॉ ओम प्रकाश, डॉ जवाहर लाल प्रसाद, डॉ कलीमुद्दीन, और बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग के ओएसडी मनोज कुमार शामिल हैं. सूत्र ने बताया कि बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने 78 आयुर्वेदिक, 37 यूनानी सहत कुल 217 आयुष डॉक्टरों को प्रथम और द्वितीय एसीपी और द्वितीय एमएसएपी देने का निर्णय लिया गया है.
नगर निकायों में सफाई की समसया को दूर करने के लिए समूह ग के पद पर सेवानिवृत कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने की अनुमती दी गयी है. कहा गया है कि इससे नगर निकाय क्षेत्रों में सफाई की समस्या को दूर किया जायेगा. जिला परिषद और नगर निकायों में तैनात 20 हजार माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भूगतान के लिए दो अरब रुपये स्वीकृत किया गया है. इन शिक्षकों के पिछले छह माह के बकाये वेतन का भुगतान होगा. 140 नगर निकायों को विभिन्न मदों में खर्च के लिए 434 करोड़, सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए सात अरब और मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना मद में चार सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं

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