फैसल रहमानी
पिंडदान के माध्यम से मृत आत्मा की मुक्तिधाम के रूप मेंप्रसिद्ध गया जी में सात दिन की विशेष पूजा शुरू की
गई है और इस पूजा का उद्देश्य है कि भूंकप से काल के गालमें समा चुके मृत आत्मा की शांति और भगवान विष्णुको प्रसन्न करने की कामना जिससे कि पृथ्वीलोक परइस तरह की त्रासदी दुबारा नहीं आ पाए.ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर में शुरू की गई. इस विशेषपूजा में 11 ब्राहृण वैदिक रीति रिवाज से मंत्रोच्चारकर रहें हैं. यहां स्थापित विष्णु चरण का प्रतिदिन 51लीटर दूध से दुग्धाभिषेक कर रहें हैं और इसके साथ ही 21किलो तुलसी का पत्ता भी उनकी चरण में अर्पित कररहे हैं.दुग्धाभिषेक के बाद पंडा समाज द्वारा विष्णु शास्त्रका पाठ भी किया जा रहा है और यह विशेष पूजाअगले सात दिनों तक चलता रहेगा.इस पूजा को संपन्न कराने वाले आचार्य रामाचार्यकी मानें तो भगवान विष्णु को पालनहार के रूप में मनागया है और भूकंप जैसी त्रास्दी जब विपत्ति के रूप मेंआती है तो भगवान विष्णु ही उन विपत्ति को दूर करनेका काम करते है. इसलिए वैदिक रीति-रिवाज से यहसात दिनों की यह विशेष पूजा की जा रही है.विष्णुपद मंदिर कमिटि के सचिव गजाधल लाल पाठकऔर पंडा महेशलाल गुप्त की मानें तो इस भूकंप को लेकरलोगों के मन में ढेर सारी आशंकाएं हैं और इस आशंकाओं केनिवारण के लिए आधुनिक तकनीक की जानकारी केसाथ ही ईश्वर में आस्था जताना भी जरूरी है क्योंकिजिस समस्या का निदान कहीं नहीं मिलता है वहांलोग ईश्वर का ही नाम लेते हैं.
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