जनता के राष्ट्रपति ‘भारत रत्न’ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नहीं रहे इस की सुचना पत्रकार वा भाई Syed Shahroz Quamar ने दी मुझे बहुत अफ़सोस हुआ. अभी कुछ ही घंटा पहले शिल्लोंग गए थे. हमारी मुलाक़ात 2010 में पहली बार Aadil Hasan Azad
साथ हुई थी। लगभग एक घंटा समय कैसे बिता पता न चला. जब हमलोग लौटने लगे
तो डॉ साहिब ने रोका और खुद वो अंदर जा कर अपनी पुस्तक लाई और भेंट की और
बहार तक साथ आये और वहां खड़े अधिकारियों को कहा जब आएं मिलवा ना हम से। उस क बाद कई बार मिला। और हर बार कुछ ना कुछ सीखा।
कुछ समझ मे नहीं आरहा है किया लिखूं किया ना लिखूं बस अल्लाह से दुआ करता हूँ के जन्नतुल फ़िरदौस मैं आला मुक़ाम दे और उन के चाहने वाले को सब्र। डॉ कलाम को रामेश्वरम में सपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां:
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भारत के पूर्व राष्ट्रपति और ‘भारत रत्न’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत में मिसाइल मैन के नाम से भी जाने जाते थे। 1962 में वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' में शामिल हुए। कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV 3) बनाने का श्रेय हासिल है। 1980 में कलाम ने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। उन्हीं के प्रयासों की वजह से भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी इन्हें प्रदान किया जाता है। 1982 में कलाम रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, DRDO से जुड़े। कलाम के नेतृत्व में ही भारत ने नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और अग्नि जैसे मिसाइल विकसित किए। 1997 में डॉ कलाम को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 2002 से 2007 के बीच डॉ कलाम, भारत के 11 वें राष्ट्रपति रहे। डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स)
को डिजाइन किया। खास बात यह है कि इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया। एपीजे अब्दुल कलाम ने विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड्स, इंडिया 2020 जैसी कई मशहूर और प्रेरणा देने वाली किताबें लिखी हैं।
कुछ समझ मे नहीं आरहा है किया लिखूं किया ना लिखूं बस अल्लाह से दुआ करता हूँ के जन्नतुल फ़िरदौस मैं आला मुक़ाम दे और उन के चाहने वाले को सब्र। डॉ कलाम को रामेश्वरम में सपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां:
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भारत के पूर्व राष्ट्रपति और ‘भारत रत्न’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत में मिसाइल मैन के नाम से भी जाने जाते थे। 1962 में वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' में शामिल हुए। कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV 3) बनाने का श्रेय हासिल है। 1980 में कलाम ने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। उन्हीं के प्रयासों की वजह से भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी इन्हें प्रदान किया जाता है। 1982 में कलाम रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, DRDO से जुड़े। कलाम के नेतृत्व में ही भारत ने नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और अग्नि जैसे मिसाइल विकसित किए। 1997 में डॉ कलाम को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 2002 से 2007 के बीच डॉ कलाम, भारत के 11 वें राष्ट्रपति रहे। डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स)
को डिजाइन किया। खास बात यह है कि इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया। एपीजे अब्दुल कलाम ने विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड्स, इंडिया 2020 जैसी कई मशहूर और प्रेरणा देने वाली किताबें लिखी हैं।
"अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो ,
मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु.
अब्दुल कलाम मिसाईल मैन
भारत रत्न
शिक्षक
प्रोफेसर
शिक्षा विद
एक महान व्यकित्व
हर दिल अजिज इंसान
पूर्व राष्ट्रपति
डा.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
को नम आंखो से विदाई
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मैं तुम्हे यूं भुला ना पाउंगा
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मेरे लिये ये व्यक्तिगत नुकसान है
जब से होश संभाला है
आपको अपना आदर्श माना है
ऐसे लोगों का शायद ही
कभी धरती पर पदार्पण होता है
मुझे अभी भी विश्वास नही होता की
आप हमारे बीच नहीं है
ऐसे महान आत्मा को शत् शत् नमन
भावभीनी श्रधांजलि
- रामबाबू साह
फोटो आभार : आदिल के फेस बुक वाल से साथ मे मैं भी दिख रहा हूँ।
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